किशोरपुर गांव में गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में आचार्य राजेश ने किया हवन

पलवल
गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में किशोरपुर गांव में हवन किया गया। जिसमें यज्ञ ब्रह्मा आचार्य राजेश ने कहा माता-पिता गुरु हमारे पूजनीय होते हैं उनकी आज्ञाओं का पालन करना ही उनकी सच्ची सेवा है। माता निर्माता भवति मां निर्माण करने वाली होती है। मां बच्चों को अच्छे संस्कार देकर महान बना सकती है निर्माण और प्रलय मां की गोद में खेलते हैं। आचार्य राजेश ने कहा हमारे जीवन में गुरु का भी बड़ा महत्व है। जो माता-पिता उपनयन संस्कार कराके माता-पिता की गोद से गुरुओं के पास रहकर ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए ब्रह्म विद्या का 25 वर्ष तक अध्ययन करता है वह व्यक्ति समाज को उन्नतशील बनता है। गुरु हमारे जीवन में बड़ा महत्व है गुरु हमें अंधकार से प्रकाश की ओर, बुराई से सच्चाई की ओर और ब्रह्म का साक्षात करने में अहम रोल अदा करता है। गुरुओं के द्वारा ही हम वेद शास्त्र उपनिषद रामायण, महाभारत, गीता का अध्ययन करके अपने जीवन को अच्छा बनाते हैं और मोक्ष के अधिकारी बनते हैं। आचार्य राजेश ने हवन सत्संग में कहा की गुरु वह व्यक्ति बन सकता है जो व्यक्ति जितेंद्रिय हो, धर्मात्मा हो, वेद शास्त्र के ज्ञाता और ज्ञान विज्ञान से युक्त व्यक्ति को ही गुरु बनने का अधिकारी है । महर्षि दयानंद ने कहा है जिस देश में वेद विद्या के जितेंद्रिय विद्वान नहीं होते उसे देश में मूर्ख पाखंडी वे धूर्त लोग गुरु बनकर समाज को ठकते हैं। उन्होंने बताया जिस व्यक्ति का उपनयन संस्कार नहीं हुआ है और यज्ञोपवीत नहीं हुआ है वह व्यक्ति गुरु मंत्र नहीं पढ़ सकता स्त्रियों में भी यह बड़ी विडंबना रही कि अपने पति को छोड़कर के दूसरे को गुरु बनाने का प्रमाणिक ग्रंथों में कहीं उल्लेख नहीं मिलता है। यह शब्द आचार्य राजेश बोल रहे थे। इस हवन सत्संग में नथीराम, संतो, सुनील, पूनम, कुमारपाल, रीना, धर्म, कोमल, बबली, मीना, राखी, डालचंद, माता जगवती, रितु सुखवीर व अन्य लोग भी उपस्थित रहे।