आशा वर्कर्स यूनियन द्वारा कन्या भ्रूण हत्या को रोकने हेतू जागरूकता सेमिनार का आयोजन

आशा वर्कर्स यूनियन द्वारा कन्या भ्रूण हत्या को रोकने हेतू जागरूकता सेमिनार का आयोजन

पलवल
आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा द्वारा कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए चलाए जा रहे जागरूकता को लेकर आज जाट धर्मशाला में सेमिनार का आयोजन किया गया। यूनियन की नेता बबली सैनी द्वारा संचालित सेमिनार की अध्यक्षता जिला प्रधान जगबती डागर ने की। सेमिनार में आशा वर्कर यूनियन की राज्य कमेटी की नेता सुधा, सीआईटीयू के प्रदेश महासचिव जयभगवान, जिला सचिव रमेशचंद, सर्व कर्मचारी संघ के जिला सचिव योगेश शर्मा, किसान सभा के जिला सचिव दरियाब सिंह, डॉ रघुबीर सिंह, रूपराम तेवतिया, आंगनवाड़ी वर्कर एवं हैल्पर्स यूनियन की प्रदेश महासचिव उर्मिला रावत, मिड डे मील वर्कर यूनियन की जिला प्रधान सोनबती ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ चलाए जाने वाले अभियान में हर संभव सहयोग करने का संकल्प लिया। निमन्त्रण पत्र देने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग का कोई अधिकारी सेमिनार में उपस्थित नहीं हुआ। अभियान की सफलता के लिए सेमिनार में टीमों का गठन किया गया जो पूरे जिले में भ्रूण हत्या के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाकर जनता के सभी वर्गों के साथ गहन संवाद सीआईटीयू के प्रदेश महासचिव जयभगवान व आशा वर्कर्स यूनियन की राज्य सचिव सुधा ने बताया कि यूनियन पिछले कुछ सालों से हरियाणा में लिंगानुपात लगातार नीचे गिरता जा रहा है क्योंकि हरियाणा में लंबे समय से लिंगानुपात कम रहने की समस्या रही है। 2015 से 2019 के बीच लिंगानुपात में थोड़ा सुधार हुआ था लेकिन दोबारा हरियाणा का लिंगानुपात लगातार नीचे जा रहा है जो काफ़ी चिंताजनक है। स्वास्थ्य विभाग लिंगानुपात में सुधार करने के लिए प्रयास कर रहा है जिसके तहत प्रदेश की आशा वर्कर्स और आंगनवाड़ी वर्कर्स को गर्भवती महिलाओं के लिए सहेली भी नियुक्त किया गया है। यूनियन नेताओं ने बताया कि विभाग लिंगानुपात केवल तकनीकी कारणों पर ही फोकस कर रहा है जबकि लिंगानुपात में गिरावट का मसला तकनीकी नहीं है इससे विभिन्न सामाजिक आयाम जुड़े हुए हैं। लड़कियों की गैर बराबरी, उनके खिलाफ बढ़ती लगातार हिंसा, लड़कियों को कमतर दिखाने वाले रीति रिवाज और शादियों के भारी भरकम खर्च, दहेज लड़कियां पैदा न करने की परिस्थितियां तैयार करते हैं जिन पर स्वास्थ्य विभाग एवं सरकार द्वारा कोई भी काम नहीं किया जा रहा है। सरकार ने भले ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दिया था परंतु बेटियां बचें और वो पढ़ें इसके लिए पर्याप्त सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए। सरकार के नारे के बाद से महिलाओं के खिलाफ हिंसा में जबरजस्त बढ़ोतरी हो रही है। पिछले कुछ ही समय के आंकड़े उठा कर देखें तो महिलाओं के खिलाफ बलात्कार और सामूहिक बलात्कार के दिल दहला देने वाली जघन्य घटनाएं सामने आई हैं। ऐसे वातावरण में बेटियों का बचना और पढ़ना बेहद मुश्किल और चुनौतीपूर्ण है। इस संदर्भ में समाज में व्यापक विचार विमर्श और सकारात्मक पहल कदमियों की सख्त जरूरत है। आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा ने कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ व्यापक जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है। यूनियन ने 1 सितम्बर से 26 सितम्बर तक व्यापक जागरूकता अभियान चलाने का फैसला किया है। इसी फैसले के तहत जिले में 3-4 सितम्बर को सभी ब्लॉक में अभियान को चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या के सभी सामाजिक आयामों पर समाज के व्यापक तबकों के साथ गहन संवाद करने की आवश्यकता है। इस अभियान को समाज सुधार के काम में लगे विभिन्न संगठनों, जनप्रतिनिधियों के व्यापक सहयोग के बिना पूरा करना संभव नहीं है।यूनियन नेताओं ने जिले में काम कर रहे सभी जन संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, जन प्रतिनिधियों, प्रशासन और जनता के व्यापक हिस्सों से अभियान को सफल बनाने के लिए सकारात्मक और सक्रिय सहयोग की उम्मीद की।