देशवासी समाज में पंच परिवर्तन पर अपनी भूमिका निभाएं - पवन मलिक

देशवासी समाज में पंच परिवर्तन पर अपनी भूमिका निभाएं - पवन मलिक

पलवल
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा शताब्दी वर्ष और विजयदशमी के उपलक्ष्य में पलवल जिले में विभिन्न स्थानों पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किए गए। पलवल शहर के विवेकानंद उपनगर केशव नगर में विजयादशमी उत्सव में शस्त्र पूजन व पथ संचलन का कार्यक्रम ब्राह्मण धर्मशाला में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता प्रांत प्राध्यापक कार्य प्रमुख पवन मलिक और अध्यक्षता संजय गर्ग की। वक्ता पवन मलिक ने कहा कि देशवासी समाज में पंच परिवर्तन पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। संघ की सौ वर्षों की यात्रा से आगे की ओर सोचेंगे तो अभी की स्थिति पर विचार करेंगे तो वह बहुत ही अनुकूल है। उन्होंने कहा कि भारत की स्वीकार्यता न केवल देश में बल्कि पूरे विश्व में हैं। उन्होंने बताया कि यह समारोह संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित किया गया है, जो उसके वैचारिक योगदान, सेवा कार्यों और राष्ट्र निर्माण में भूमिका को रेखांकित करता है। उन्होंने कहा कि वर्षभर जिले में विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक लोग संघ की गतिविधियों से जुड़ सकें। कार्यक्रम में 180 पूर्ण गणवेश में स्वयंसेवकों ने शस्त्र पूजन एवं पथ संचलन में भाग लिया।शस्त्र पूजन के उपरांत पथ संचलन ब्राह्मण धर्मशाला से शुरू होकर तूहीराम कॉलोनी, कमेटी चौक, सब्जीमंडी, गुप्ता गंज बाजार, मुख्य बाजार से होते हुए वापिस ब्राह्मण धर्मशाला पर समापन हुए। संचलन पर जगह-जगह नागरिकों ने पुष्प वर्षा की। वहीं चंद्रशेखर उपनगर माधव नगर पंजाबी धर्मशाला में आयोजित कार्यक्रम में हरियाणा प्रांत मेवात गतिविधि प्रमुख मुख्य वक्ता श्याम सुंदर और मुख्य अतिथि एशियन गोल्ड मेडलिस्ट योगेश चौधरी रहीं। मुख्य अतिथि योगेश चौधरी ने कहा कि आरएसएस के सौ वर्ष पूर्ण होने पर जो सम्मान मुझे दिया है यह बहुत ही मेहनत से मिलता है और विश्व का सबसे बड़ा संगठन है। संघ में हमें आपसी सामंजस और राष्ट्रवादी निति सिखाई जाती है। मुख्य वक्ता श्याम सुंदर ने कहा कि देश में पूजा पद्धति अलग हो सकती है लेकिन राष्ट्रीयता एक है। उन्होंने कहा कि संघ ने देश की एकता और अखंडता को मजबूती देने के साथ समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। उन्होंने संघ के पंच परिवर्तन – सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्व जागरण और नागरिक कर्तव्य पर विस्तार से विचार रखे और समाज में व्यापक परिवर्तन हेतु इनकी महत्ता बताई। इसके अतिरिक्त संस्कार भारती स्कूल कृष्णा कॉलोनी, खंड बड़ौली, धतीर, दूधौला, अमरपुर, असावटी और औरंगाबाद आदि स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित हुए।