आरएसएस का प्रत्येक स्वयंसेवक राष्ट्र के लिए समर्पित : डॉ प्रवीण

पलवल
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में पलवल में रविवार को कार्यक्रम आयोजित हुए। महाराणा प्रताप भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता प्रांत सह सेवा प्रमुख डॉ प्रवीण और अध्यक्ष डॉ हरेंद्रपाल राणा रहे। मुख्य वक्ता डॉ प्रवीण ने कहा कि शताब्दी वर्ष की अनुभूति हर स्वयंसेवक में नई ऊर्जा व दायित्व का बोध करा रही है। विजयदशमी पर वर्ष 1925 में नागपुर में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी। उन्होंने समाज व स्वयंसेवकों से अपने जीवन में पंच परिवर्तन अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के परम वैभव के लिए पंच परिवर्तन के अंतर्गत हम सब अपने दैनिक जीवन में सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली एवं स्वदेशी को अपनाएं तथा नागरिक कर्तव्यों का पालन करें। उन्होंने संघ की 100 वर्षों की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का प्रत्येक स्वयंसेवक राष्ट्र के लिए समर्पित है। यह पथ संचलन संगठन की शक्ति, चरित्र निर्माण और समाज को संगठित करने के संकल्प को मजबूत करता है। प्रवीण ने कहा कि आने वाली शताब्दी में, संघ भारत को विश्वगुरु बनाने के लक्ष्य के साथ कार्य करेगा। विजयदशमी उत्सव के साथ ही संघ शताब्दी वर्ष प्रारंभ हो गया है, जिसके अंतर्गत वर्षपर्यंत समाज द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें वृहद गृह संपर्क व हिंदू सम्मेलन प्रमुख है। पथ संचलन महाराणा प्रताप भवन से पंचवटी मंदिर, पंचवटी कॉलोनी, कालरा कॉलोनी, गुरुद्वारा, मोती कॉलोनी, हमीदिया अस्पताल, पुलिस थाना, सीताराम मंदिर से महाराणा प्रताप भवन पर संपन्न हुआ। आर्य समाज मंदिर असावटा में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ राजेश कुमार और अध्यक्ष नरेंद्र नंबरदार रहे। उन्होंने कहा कि समाज को एक साथ जुड़कर रहने के लिए आवाहन किया। जाति, धर्म से बड़ा देश होता है देश सुरक्षित है, तो देश की जनता भी सुरक्षित है। इसके अतिरिक्त पृथला, महेशपुर, सौंध, कुशक, प्रह्लादपुर चांदहट, अलावलपुर और कटेसरा में भी शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम आयोजित हुए।