नेत्र संस्थानों द्वारा पलवल में नेत्रदान के प्रेरणा दूतों को किया गया सम्मानित

नेत्र संस्थानों द्वारा पलवल में नेत्रदान के प्रेरणा दूतों को किया गया सम्मानित

पलवल
देशभर में चल रहे 40वें राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े का समापन देश कें विभिन्न नेत्र संस्थानों और नेत्र बैंको के द्धारा आयोजित नेत्रदाता परिवारों और विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के सम्मान समारोह के साथ सम्पन्न हुआ। इसी पखवाड़े के अन्तर्गत गुड़गाँव  स्थित निरामय चिरिटेबल ट्रस्ट द्धारा पलवल में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान नेत्रदान से जुड़े व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। पलवल की सामाजिक संस्था पलवल डोनर्स क्लब ज्योतिपुँज के मुख्य संयोजक आर्यवीर लायन विकास मित्तल और सह संयोजक अल्पना मित्तल कों नेत्रदान के क्षेत्र में किए गये सराहनीय कार्य के लिए  निरामया इंस्टिटयुट के चेयरमैन डा. टीएन आहुजा, निरामया के चिकित्सा निदेशक डा. हितेश आहुजा, डा. देवेन्द्र आहुजा ने सम्मानित किया। सभी अतिथियों ने जागरुक करते हुए कहा कि देश के गांव-गांव में जाकर नेत्रदान के लिए जागरूक करना होगा। यह बताना हाेगा कि शरीर को मिट्टी मेें मिल जाना है। पंचभूत का शरीर, पंचभूत में चला जायेगा। इसलिए नेत्रदान का संकल्प लेना चाहिए। इसके लिए देश भर में अनेको समाजसेवी संस्थाएं काम कर रही हैं, लेकिन अभी और सहभागिता बढ़ाने की जरूरत है। विदित हो कि पलवल डोनर्स क्लब ने पिछले कुछ वर्षो में विभिन्न संस्थाओं एवं आमजन की मदद सें अब तक सैंकड़ो लोगो के नेत्रदान करवाए हैं। आर्यवीर लायन विकास मित्तल ने बताया कि हम कुछ पलों का अंधकार सहन नहीं कर पाते, तो उन लोगों का दर्द कितना गहरा होगा जो जीवन भर अंधकार में जी रहे हैं। मृत्यु के बाद भी लोग अपनी आखों से दुनिया को फिर देख सकते हैं। नेत्रदान सबसे बड़ा पुण्य का काम है। एक व्यक्ति के नेत्रदान करने से दो लोगों के अंधरे जीवन को रोशनी प्रदान होती है। उन्होंने बताया कि इस पखवाड़े के दौरान लोगों को नेत्रदान के लिए जागरूक करने के लिए स्कूलों व कालिजों तथा अलग अलग स्थानों पर भी जागरूकता शिविर, स्लोगन लेखन, पोस्टर बनाओ आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसमें हजारों बच्चों और बड़ों ने नेत्रदान अभियान सें जुड़ने की शपथ ली। इस अवसर पर डॉ एस के गाबा, डॉ रजनीश गाबा, डा. जे पी पाराशर, मनीष गाबा, गणेश प्रजापति, तुषार, आमिर, मोहित, रोहित, भारती भल्ला, नितिन, चिराग और टेकचन्द आदि उपस्थित थे।