सख्त निर्देश के साथ 18 से 20 अक्टूबर तक दी गई ग्रीन पटाखों की अनुमति - उपायुक्त

पलवल
सुप्रीम कोर्ट के सख्त दिशा निर्देशों के साथ एनसीआर जिसमें पलवल जिला भी शामिल है, में दिवाली पर्व के उपलक्ष्य में केवल ग्रीन पटाखों की बिक्री और चलाने की अनुमति प्रदान की गई है। शुक्रवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार नीरी की वेबसाइट से प्रमाणित हरित पटाखों की बिक्री 18 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक ही जारी रहेगी। इसकी निगरानी के लिए जिला और खंड स्तर पर टीम भी गठित की गई है। उन्होंने सभी नागरिकों और अधिकारियों व कर्मचारियों को दीपावली के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए मंगलमय कामना की और इको फ्रेंडली दिवाली मनाने का आह्वान किया। उपायुक्त ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार इन उत्पादों की बिक्री पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में केवल निर्दिष्ट स्थानों पर ही की जा सकेगी, जिन्हें जिला कलेक्टर/आयुक्त द्वारा पुलिस अधीक्षक के परामर्श से चिन्हित किया जाएगा और व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा। पुलिस अधिकारी, जिला प्रशासन के परामर्श से बिक्री के निर्दिष्ट स्थानों पर निगरानी रखने के लिए गश्ती दल गठित करेंगे, जिनमें राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के क्षेत्रीय कार्यालयों से नामित अधिकारी भी शामिल होंगे। यह गठित दल नीरी की वेबसाइट पर अपलोड किए गए हरित पटाखा उत्पादों और दिए गए पंजीकरणों के साथ व्यक्तिगत निर्माताओं को जारी किए गए क्यूआर कोड की जांच करेगी। यह निर्धारित स्थानों पर नियमित रूप से जांच कर यह सुनिश्चित करेगी कि केवल अनुमति वाले स्थानों पर क्यूआर कोड के साथ उत्पाद ही बेचे जाएं। टीम द्वारा जांच के लिए इन पटाखा उत्पादों के नमूने भी लेंगे, जिन्हें पीईएसओ को भेजा जाएगा। उल्लंघन पाए जाने पर, प्रतिबंधित उत्पादों के निर्माण या बिक्री में शामिल लोगों की जिम्मेदारी होगी, जिन्हें न केवल दंडित किया जाएगा, बल्कि पीईएसओ या नीरी से उनका लाइसेंस/पंजीकरण भी रद्द कर दिया जाएगा।उपायुक्त ने बताया कि जिला प्रशासन और पुलिस यह सुनिश्चित करेंगे कि पटाखों का उपयोग दिवाली से एक दिन पहले और दिवाली के दिन सुबह 6 से 7 बजे तक और रात 8 से रात 10 बजे तक ही सीमित रहे। नीरी द्वारा प्रमाणित हरित पटाखों की बिक्री केवल पीईएसओ से लाइसेंस प्राप्त व्यापारियों के माध्यम से ही की जाएगी। ऐसे पटाखे जो पंजीकृत/लाइसेंस प्राप्त निर्माताओं द्वारा निर्मित नहीं है, उन्हें तुरंत जब्त कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार एनसीआर में बेरियम युक्त पटाखों और नीरी द्वारा ग्रीन पटाखे के रूप में अनुमोदित नहीं किए गए पटाखों के उपयोग की अनुमति नहीं होगी और यदि ये बिक्री के लिए या किसी व्यक्ति/व्यापारी के कब्जे में पाए जाते हैं, तो उन्हें तुरंत जब्त कर लिया जाएगा। इसके अलावा लड़ी पटाखों का निर्माण या बिक्री प्रतिबंधित की गई। इसके अलावा ई-कॉमर्स नेटवर्क के माध्यम से पटाखों की बिक्री या खरीद नहीं की जाएगी और ऐसे उत्पादों की किसी भी आपूर्ति को रोक लिया जाएगा और उत्पाद को जब्त कर लिया जाएगा। प्रतिबंध लागू होने के बाद समाप्त या रद्द किए गए व्यापारियों के लाइसेंस को वैधानिक अधिकारियों द्वारा निर्धारित अवधि के लिए नवीनीकृत किया जाएगा।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों और एनसीआर के अंतर्गत आने वाले जिलों में स्थित उनके संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों के परामर्श से, अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक की निगरानी 25 अक्टूबर तक रखने के निर्देश दिए गए हैं, जिसकी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट दाखिल की जाएगी, जिसमें प्रत्येक दिन की वायु गुणवत्ता का उल्लेख होगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्पष्ट कहा गया है कि यह छूट केवल परीक्षण के आधार पर है और यह केवल निर्दिष्ट अवधि के लिए ही लागू होगी। उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने जिला के किसानों से आह्वान किया कि वे पराली को जलाने की बजाए आय का साधन बनाएं। पराली जलाने से मृदा स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है जिससे फसल उत्पादन प्रभावित होता है। किसान पराली को जलाने के बजाय उसे बेचकर आय अर्जित कर सकते हैं। पराली से कई उत्पाद बनाए जाते हैं। पराली का सही उपयोग न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करेगा बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। पराली का सही तरीके से प्रबंधन पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देता है। इससे वायु प्रदूषण की समस्या से बचा जा सकता है, जो पराली जलाने के कारण उत्पन्न होती है। पराली को संसाधन के रूप में उपयोग करने से न केवल किसानों को लाभ होगा, बल्कि किसानों द्वारा उठाया गया यह कदम जलवायु परिवर्तन और मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखने में भी सहायक होगा। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त जयदीप कुमार, एसडीएम ज्योति, सीईओ जिला परिषद जितेंद्र कुमार, सीटीएम अप्रतिम सिंह, चीनी मिल प्रबंध निदेशक द्विजा, डीआईपीआरओ बिजेंद्र कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।