प्राची क्लीनिक पलवल पर अवैध रूप से किए जा रहे गर्भपात का किया भंडाफोड़

प्राची क्लीनिक पलवल पर अवैध रूप से किए जा रहे गर्भपात का किया भंडाफोड़
प्राची क्लीनिक पर हो रही अवैध गर्भपात की जांच करते डॉक्टर व टीम

पलवल
पलवल के सिविल सर्जन डॉ जयंत आहूजा को मिल रही गुप्त सूचना के आधार पर एक टीम का गठन किया गया। गुप्त सूचना के आधार पर टीम राजीव नगर में स्थित प्राची क्लीनिक पर होने वाले अवैध चल रहे गर्भपात की सूचना पर राजीव नगर पलवल के प्राची क्लीनिक पर पहुंची तो वहां पर एक झोलाछाप महिला डॉक्टर मिली जिसने अपना नाम डॉक्टर रेनू बताया। जब टीम ने प्राची क्लीनिक के अंदर वाले कमरे में जाकर देखा तो पाया कि वहां बेड पर एक मरीज लेटी हुई थी जब उस नाबालिग युवती से पूछा गया तो उसने बताया कि उसकी उम्र 17 वर्ष है व गर्भवती है। उसकी मां ने बताया कि वह प्राची क्लीनिक में नाबालिग युवती का गर्भ गिराने आए थे। बच्ची की मां ने यह भी बताया कि उसने बच्ची की गर्भवती होने की जांच अपने घर पर ही यूपीटी किट की सहायता से की थी। जिसका रिजल्ट पॉजिटिव आया था। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा भी नाबालिग युवती का यूपीटी टेस्ट कराया गया जिसका रिजल्ट पॉजिटिव आया। उसने बताया कि किसी के बताने पर वे लोग मुजेसर फरीदाबाद से पलवल के प्राची क्लिनिक पर आए थे। प्राची क्लीनिक की झोलाछाप डॉक्टर रेनू ने उन्हें बच्चा गिराने का खर्च 12000 रुपये बताया था। उपरोक्त गठित टीम ने प्राची क्लीनिक की छानबीन की तो वहां से गर्भ गिराने में प्रयुक्त होने वाले औजार बरामद किए व क्लीनिक की गहन जांच करने के बाद भी गर्भ गिराने की कोई दवाई नहीं मिली। जब टीम द्वारा झोलाछाप डॉक्टर रेनू से पूछताछ की तो उसने अपने आपको 12वीं पास बताया और उसके पास से किसी भी तरह का कोई मेडिकल का वैध लाइसेंस नहीं मिला। उसने बताया कि कुछ दिन पहले भी उसने राजरानी पत्नी अक्षय निवासी तिगांव फरीदाबाद की रहने वाली महिला का गर्भपात 24 जून 2025 को किया था। मुख्यालय से प्राप्त निर्देश अनुसार सभी संदिग्ध गर्भपातों की रिवर्स ट्रैकिंग की जा रही है। जिसमें स्वास्थ्य विभाग फरीदाबाद की टीम ने पलवल स्वास्थ्य विभाग की टीम को इस क्लीनिक पर भी एक गर्भपात होने की सूचना दी थी कि मरीज का नाम राजरानी पत्नी अक्षय था जिसकी गर्भपात के दौरान स्थिति गंभीर हो गई थी तथा बाद में इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई थी। मरीज से संबंधित कागजात व जांच की रिपोर्ट भी संलग्न की गईं। निरीक्षण के दौरान सभी कार्यवाही की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी की गई व मौके पर ही संबंधित पुलिस थाने के पुलिस अधिकारियों को बुला लिया गया। जांच के दौरान मिले गर्भपात के औजारों की अलग से एक लिस्ट बनाई गई। मरीज ने यह भी बताया कि उसको डॉक्टर रेनू ने दो गोलियां खिलाई थी जो कि गर्भ गिराने वाली गोलियां भी हो सकती थीं। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा प्राची क्लिनिक की महिला डॉक्टर रेनू को आगामी कार्यवाही के लिए विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर पुलिस के हवाले कर दिया गया।