नम आंखों से दी शहीद हितेश सहरावत को विदाई, पुत्र सौरभ और पिता हेमी फौजी ने उठाया तिरंगा
पलवल
गहलब गांव निवासी सूबेदार हितेश सहरावत लेह लद्दाख में डयूटी के समय ह्दय गति रूकने के कारण शहीद हो गए। शहीद सूबेदार हितेश सहरावत का पार्थिक शरीर रविवार को उनके पैतृक गांव गहलब पहुंचा जहां राजकीय सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी गई। लोगों ने शहीद सूबेदार हितेश सहरावत अमर रहे और भारत मां का जयघोष से आकाश गुंजायमान हो गया। गौरतलब है कि गांव गहलब निवासी सूबेदार हितेश सहरावत 15 फरवरी 2001 को सेना में आर्मी सप्लाई कोर रजिमेंट में बतौर ड्राइवर डयूटी ज्वाइन की थी। वह वर्तमान में सूबेदार के पद पर अपनी सेवाऐं दे रहे थे। शनिवार सुबह उन्हें डयूटी के समय ह्दयघात हुआ और वह शहीद हो गए। सूचना मिलते ही गांव शोक की लहर में डूब गया। रविवार को शहीद सूबेदार का पार्थिक शरीर गांव गहलब पहुंचा जहां हजारों की संख्या में लोगों ने शहीद सूबेदार हितेश सहरावत अमर रहे और भारत माता की जय हो का जयघोष किया। शहीद सूबेदार हितेश सहरावत को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
लेफ्टिनेंट कर्नल केजी शर्मा ने बताया कि सूबेदार हितेश सहरावत रसद सामग्री को लेकर डयूटी पर जा रहे थे। लद्दाख में तापमान में लगातार गिरावट आ रही थी। सूबेदार हितेश ने विषम परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्य का निर्वहन किया और देश के लिए शहादत दी है। भारतीय सेना सूबेदार हितेश की शहादत को हमेशा याद रखेगी।
कर्नल केजी शर्मा, प्रीतम पोसवाल फौजी, विक्की पोसवाल फौजी, पूर्व मंत्री हर्ष कुमार, वरिष्ठ भाजपा नेता रविंद्र सहरावत, पूर्व विधायक प्रवीण डागर, समाजसेवी गजराज आर्य, मनोज रावत, सरपंच प्रतिनिधि धर्मेंद्र कुमार, पूर्व सरपंच नरेंद्र सहरावत, पूर्व सरपंच महेंद्र सहरावत, सुखराम डागर जजपा, पूर्व डायरेक्टर गजराज सहरावत, मेंबर सतपाल, अजय सहरावत, बिरजू मेंबर, पूर्व चेयरमैन अमर सहरावत, डॉ. लेखराज सहरावत, भोला, रोहताश, नरेश कुमार, जीतू पूर्व मेंबर, हरेंद्र सहरावत, सीटीएम अप्रतिम सिंह, एसएचओ जोगिंद्र सिंह सहित महिलाएं, युवा और राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों के गणमान्य लोग भी मौजूद रहे।