13 अगस्त को संयुक्त किसान मोर्चा कारपोरेट कृषि छोड़ो दिवस मनाया जाएगा

13 अगस्त को संयुक्त किसान मोर्चा कारपोरेट कृषि छोड़ो दिवस मनाया जाएगा
संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य आगामी कार्यक्रम के बारे बैठक करते हुए

पलवल
आगामी 13 अगस्त को संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर कॉर्पोरेट कृषि छोड़ो, विदेशी कंपनियां भारत छोड़ो के नारे के तहत सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री का पुतला फूंका जाएगा जिसकी तैयारी के लिए संयुक्त किसान मोर्चा जिला पलवल की बैठक पलवल में हुई जिसकी अध्यक्षता चेतराम मेंबर मितरोल तथा संचालन किसान मोर्चा का नेता महेंद्र सिंह चौहान ने किया मीटिंग को संबोधित करते हुए किसान मोर्चा के नेता मास्टर महेंद्र सिंह चौहान और धर्मचंद घुघेरा ने कहा कि आज बड़े बड़े कारपोरेट घरानों की नजर कृषि पर है इसलिए केंद्र सरकार कॉर्पोरेट परस्त कानून बनाकर कृषि क्षेत्र को भी कॉर्पोरेट घरानों के हवाले करने की नीति बना रही है ऐसा होने पर देश के किसान और खेती बर्बाद हो जाएगी। इसी प्रकार के कानूनों के खिलाफ 2020-21 के अंदर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक ऐतिहासिक किसान आंदोलन लड़ा गया था यह आंदोलन करीब 500 किसान संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले देश के मजदूर और कर्मचारियों के सहयोग से लड़ा गया, जिसके दवाब में मोदी सरकार को तीनों कानून वापस लेने पड़े परंतु उन्हीं कानूनों को नाम बदलकर केंद्र सरकार नयी कृषि बाजार नीति के तहत लागू करना चाहती है जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। केंद्र सरकार ने 9 दिसंबर 2021को किसान आंदोलन की समाप्ति पर संयुक्त किसान मोर्चा को एमएसपी पर
कानून बनाने, बिजली संशोधन विधेयक से किसानों को निकालने, किसानों पर बनाए हुई मुकदमे वापस लेने, किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के आश्रितों को मुआवजा देने आदि मांगों पर सहमति पत्र दिया था जिसे आज तक लागू नहीं किया गया। इसलिए देश के किसानों को पुनः इसी प्रकार का आंदोलन करने के लिए तैयार रहना पड़ेगा। 13 अगस्त के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए 10 अगस्त से किसान मोर्चा के नेता गांवों में जनसंपर्क अभियान चलाएंगे। बैठक के अंदर किसान मोर्चा के नेता सोहन पाल चौहान, रूप राम तेवतिया, ताराचंद प्रधान, हुकम सिंह चौहान, श्री चंद महाशय औरंगाबाद, अतर सिंह सरपंच गौपाल गढ़, करण सिंह आर्य, राजू आर्य, बाबू डायरेक्टर, गिर्राज शर्मा रायदासका, राम सिंह चौहान, रणजीत सिंह, चंद्र आर्य, राजेन्द्र सिंह, ज्ञान सिंह आदि नेताओं ने अपने विचार रखें।