विश्व आयुर्वेद मिशन, विश्व पटल पर - डा० डीपी आर्य

विश्व आयुर्वेद मिशन, विश्व पटल पर - डा० डीपी आर्य

पलवल
विश्व आयुर्वेद मिशन द्वारा कांस्टीट्यूशन क्लब, में ‘इंटीग्रेटिंग आयुर्वेद विद माडर्न टेक्नोलाजी, साइंटिफिक वेलीडेसन एंड एक्सपेंडेड पब्लिक हेल्थ इनीसिएटिव्स’ विषय पर प्रवेक कल्प के सौजन्य से एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता विश्व आयुर्वेद मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा० जीएस तोमर ने की। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के डायरेक्टर डा० पीके प्रजापति मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए एवं आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव डा० अशोक कुमार वाष्र्णेय व नेशनल प्लांट मेडिसिन बोर्ड के सीईओ डा० महेश दधीच एवं विजिटिंग फैकल्टी, हिंदू यूनिवर्सिटी आफ अमेरिका डा० अखिलेश शर्मा अति विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं धन्वंतरि वंदना के साथ किया। मंचस्थ अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ, अंगवस्स्त्रम् एवं स्मृति चिन्ह देकर किया गया। मिशन के राष्ट्रीय महासचिव पलवल निवासी डा० डीपी आर्य ने विश्व आयुर्वेद मिशन का परिचय दिया। राष्ट्रीय अध्यक्ष डा० जीएस तोमर ने वर्तमान परिदृश्य में आयुर्वेद की दशा-दिशा को रेखांकित किया। वहीं कैलीफोर्निया से आए डा० अखिलेश शर्मा ने पाश्चात्य देशों में आयुर्वेद की बढ़ती लोक प्रियता से अवगत कराया। विशिष्ट अतिथि डा० महेश दधीच ने पर्यावरण संरक्षण और औषधीय पौधों के महत्व पर प्रकाश डाला। चिकित्सीय गुणों से भरपूर प्रमुख प्रजातियों आम, आंवला, गुग्गुल, काली मिर्च, हल्दी, सहजन, तिल और गिलोय के बारे में विस्तार से बताया। डा० डीपी आर्य ने बताया कि 21 वर्ष पूर्व आयुर्वेद के कुछ विद्वानों ने डा० जीएस तोमर की अध्यक्षता में विश्व आयुर्वेद मिशन की स्थापना की। जिसका उद्देश्य पूरे विश्व में आयुर्वेद का प्रचार प्रसार करना है। इस समय पूरे विश्व में 18 देशों में हमारी शाखाएं हैं। अब तक आयुर्वेद मिशन द्वारा 250 सेमीनार और करीब एक हजार से अधिक वेबीनार एवं पांच इंटर नेशनल सेमीनार की जा चुकी है। इसी श्रृंखला में डा० डीपी आर्य ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कोई भी विधा तब तक लोकप्रिय नहीं होती जब तक समाज के आखिरी छोर पर खड़े व्यक्ति तक इसका लाभ न पहुंचे।उन्होंने कहा कि आरोग्य भारती देश का सबसे बड़ा सेवा संगठन है। यह अपने विविध प्रकल्पों के माध्यम से आयुर्वेदीय जीवन शैली एवं अन्य स्वस्थ रहने के उपायों को देश के कोने कोने तक पहुंचा रही है। मुख्य अतिथि के रूप में अपने उद्बोधन में डा० पीके प्रजापति ने आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा इस दिशा में किए जा रहे विभिन्न कार्यों की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद को साक्ष्य सिद्ध करने के प्रमाण आज पब्लिक डोमेन में 90 हजार से अधिक शोध पत्र उपलब्ध हैं। आयुर्वेद मिशन द्वारा आयुर्वेद के प्रचार प्रसार में योगदान के लिए पूर्व सलाहकार डा० डीसी कटोच, एनडीएमसी के पूर्व सीएमओ डा० आरपी शर्मा को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड एवं चौधरी ब्रह्मप्रकाश आयुर्वेद चरक संस्थान के पंचकर्म विभागाध्यक्ष डा० अरूण गुप्ता एवं सीसीआरएएस की पूर्व डायरेक्टर डा० भारती गुप्ता को सर्विस एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में अनेकों गणमान्य शोधकत्ताओं ने अपने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में 150 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।