अलीगढ़-पलवल ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना ने पकड़ी रफ्तार, 1350 करोड़ से होगा तैयार
पलवल
अलीगढ़–पलवल ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना अब तेज़ी से आगे बढ़ रही है। करीब 1350 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस महत्वपूर्ण मार्ग पर भूमि अधिग्रहण का बड़ा हिस्सा पूरा होने के बाद निर्माण गतिविधियों ने गति पकड़ ली है। इस परियोजना का मकसद अलीगढ़, पलवल और एनसीआर के बीच तेज, सुरक्षित और निर्बाध सड़क संपर्क उपलब्ध कराना है।
परियोजना का पहला और सबसे महत्वपूर्ण चरण खैर बाईपास का निर्माण है। यह क्षेत्र वर्षों से भारी जाम की समस्या से जूझ रहा है। एनएचएआई ने खैर बाईपास को प्राथमिकता सूची में शामिल करते हुए इसे एक साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा है। बाईपास बनने से न केवल कस्बे को जाम से राहत मिलेगी, बल्कि यातायात भी सुगम हो जाएगा। पूरी परियोजना के लिए कुल 325 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, जिसमें से 200 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण पूरा कर लिया गया है। शेष भूमि के लिए प्रशासन गांव-गांव जाकर कैंप लगा रहा है और किसानों को मुआवजा प्रदान कर रहा है। अधिकांश किसान संतुष्ट हैं और अधिग्रहण प्रक्रिया बिना किसी बड़े विवाद के आगे बढ़ रही है।
यह एक्सप्रेसवे अलीगढ़ जिले के 31 गांवों से होकर निकलेगा, जिनमें ऐंचना, लक्ष्मणगढ़ी, उदयगढ़ी, बांकनेर और टप्पल जैसे प्रमुख गांव शामिल हैं। ग्रामीण इलाकों में मिट्टी भराई, समतलीकरण और कटिंग का काम तेज़ी से चल रहा है। इस निर्माण कार्य से ग्रामीण विकास और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिल रहा है।एनएचएआई ने करीब छह महीने पहले निर्माण कार्य शुरू कराया था। शुरूआत में गति धीमी थी लेकिन अब सड़क निर्माण, लेवलिंग और मिट्टी भराई का काम तेजी से हो रहा है। परियोजना के निर्माण की जिम्मेदारी हरियाणा की सीडीएस कंपनी को दी गई है, जो समय सीमा के भीतर काम पूरा करने के लिए दिन-रात जुटी हुई है। यह 72 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे अलीगढ़ को पलवल, यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से सीधे जोड़ेगा।इसके बन जाने के बाद एनसीआर आने-जाने वाले यात्रियों का समय काफी बचेगा और ट्रैफिक दबाव भी कम होगा। नई सड़क खुलने के बाद अलीगढ़, नोएडा, गुरुग्राम और दिल्ली के बीच यात्रा समय में भारी कमी आएगी। खैर कस्बे का पुराना जाम पूरी तरह समाप्त होगा और भारी वाहनों के लिए एक नया वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा। इससे स्थानीय लोगों, यात्रियों और व्यापारी परिवहन सभी को बड़ा लाभ होगा। इस परियोजना ने निर्माण चरण में ही स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के कई अवसर पैदा किए हैं। मजदूर, इंजीनियर, ट्रांसपोर्टर और सामग्री आपूर्तिकर्ता सीधे तौर पर इससे जुड़े हुए हैं। एक्सप्रेसवे तैयार होने के बाद इसके आसपास के क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयों, गोदामों और लॉजिस्टिक हब के विकसित होने की संभावनाएं भी बढ़ जाएंगी। 18 महीनों में परियोजना पूरा करने का लक्ष्य
सरकार का लक्ष्य है कि यह पूरा एक्सप्रेसवे अगले 18 महीनों में पूरी तरह तैयार हो जाए। इसके बाद अलीगढ़ जिले का सीधा और तेज़ संपर्क हरियाणा, दिल्ली और पूरे एनसीआर से स्थापित हो जाएगा। किसानों को बेहतर मुआवजा, यात्रियों को सुगम सड़क और व्यापार को तेज़ परिवहन ये सबमिलकर इस परियोजना को क्षेत्र के लिए परिवर्तनकारी बना देंगे।